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भीष्मक मणि meaning in Hindi

[ bhisemk meni ] sound:
भीष्मक मणि sentence in Hindi

Meaning

संज्ञा
  1. पीले रंग की एक मणि:"भीष्मक मणि के दो प्रकार की होती हैं - मोहिनी एवं कामदेव"
    synonyms:भीष्मक

Examples

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  1. भीष्मक मणि यह दो प्रकार की होती है- 1 . मोहिनी भीष्मक मणि।
  2. भीष्मक मणि यह दो प्रकार की होती है- 1 . मोहिनी भीष्मक मणि।
  3. कामदेव भीष्मक मणि के धारण करने से शत्रु पर विजय के साथ सभी प्रकार की मनोरथ पूर्ति व हृदय रोग , गरमी तथा अन्य व्याधियाँ दूर होती हैं।
  4. कामदेव भीष्मक मणि के धारण करने से शत्रु पर विजय के साथ सभी प्रकार की मनोरथ पूर्ति व हृदय रोग , गरमी तथा अन्य व्याधियाँ दूर होती हैं ।
  5. प्रयोग- सूर्य के आद्रा नक्षण में होने तथा मेष , मिथुन, सिंह, तुला, धनु अथवा कुम्भ राशि पर चन्द्रमा के होने से मोहिनी भीष्मक मणि को रुई में लपेट कर पूर्व दिशा में पानी में डुबाकर रख देते हैं।
  6. प्रयोग- सूर्य के आद्रा नक्षण में होने तथा मेष , मिथुन, सिंह, तुला, धनु अथवा कुम्भ राशि पर चन्द्रमा के होने से मोहिनी भीष्मक मणि को रुई में लपेट कर पूर्व दिशा में पानी में डुबाकर रख देते हैं।
  7. प्रयोग- सूर्य के आद्रा नक्षण में होने तथा मेष , मिथुन , सिंह , तुला , धनु अथवा कुम्भ राशि पर चन्द्रमा के होने से मोहिनी भीष्मक मणि को रुई में लपेट कर पूर्व दिशा में पानी में डुबाकर रख देते हैं।
  8. रत्नों में ही पाँच मुख्य महारत्न तथा पाँच मुख्य मणियाँ होती हैं , जो निम्न प्रकार हैं- पाँच मुख्य महारत्न - हीरा मोती माणिक्य पन्ना नीलम पाँच मुख्य रत्न - पुखराज वैदूर्य गोमेद मूँगा अर्थात प्रवाल फरोजा मुख्य मणियाँ मुख्य मणियाँ- वैसे मणियाँ तो असंख्य हैं, परन्तु मुख्यतः 9 मणियों की मान्यता अधिक है, जो निम्न हैं- घृतमणि तैलमणि भीष्मक मणि उपलक मणि स्फटिक मणि पारस मणि उलूक मणि लाजावर्त मणि मासर मणि मणियाँ भी रत्नों की ही तरह ग्रहों के कारण उत्पन्न अनिष्ट को शांत करती हैं तथा मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ होती हैं।
  9. रत्नों में ही पाँच मुख्य महारत्न तथा पाँच मुख्य मणियाँ होती हैं , जो निम्न प्रकार हैं- पाँच मुख्य महारत्न - हीरा मोती माणिक्य पन्ना नीलम पाँच मुख्य रत्न - पुखराज वैदूर्य गोमेद मूँगा अर्थात प्रवाल फरोजा मुख्य मणियाँ मुख्य मणियाँ- वैसे मणियाँ तो असंख्य हैं , परन्तु मुख्यतः 9 मणियों की मान्यता अधिक है , जो निम्न हैं- घृतमणि तैलमणि भीष्मक मणि उपलक मणि स्फटिक मणि पारस मणि उलूक मणि लाजावर्त मणि मासर मणि मणियाँ भी रत्नों की ही तरह ग्रहों के कारण उत्पन्न अनिष्ट को शांत करती हैं तथा मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ होती हैं।


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